शुक्रवार, 25 अप्रैल 2008

महंगाई से निपटने के सरकारी उपाय

अभी कुछ दिनों पहले सरकार ने मंहगाई से निपटने के लिए जमाखोरों पर छापे डालने के लिए कहा तो मुझे बरसों पहले परसाई जी की रचना याद आ गई कतिपय परिवर्तनों के बावजूद सरकार की मानसिकता और सरकारी तंत्र की सक्रियता पर कोई अन्तर नहीं आया है प्रस्तुत है उसी रचना के पार्श्व मे यह कथा

सरकार के विचारों को सुन कर मेरा देश प्रेम जाग उठा और मैंने ठान लिया की कलक्टर साहिबा से आज मिल कर उन व्यापारियों की लिस्ट दूंगा जो माल दबा कर बैठे हें तथा महंगाई ब्रिधि कर रहे हैं चौराहे पर पुलिस का सिपाही कह रहा था साले श्रीमान जी उधर से न जा कर इधर से जाइये मैं अचरज में था की सत्ता परिवर्तन के बाद पुलिस मे इस कदर परिवर्तन कारन जानना चाहा तो पता चला की नए sp साहिब का फरमान है की पुलिस सभी से विनम्रता से सलूक करेगी तथा जल्द ही लोग इसे महसूस करेंगे तथा जनता और पुलिस में सहयोग बढ़ेगा \खैर श्रीमान माँ च्चो आदि विनम्रता सूचक सब्दों को सुनते हुए मैं जिले के कलक्टर साहिबा के कमरे मे पंहुचा तथा मैंने उनसे कहा की सरकार ने जमाखोरों के विरुद्ध अभियान मे जनता से सहयोग माँगा है तो मैं यह दो नाम दें रहा हूँ कृपा कर के इनके विरुद्ध कारवाही करिये

कलक्टर साहिबा बहुत खुश हुई तथा बोलीं आका नाम इतिहास के सुनहरे अक्षरो॰ मे लिखा जायेगा सरकार की ऐसी मंशा है की ऐसे सभी लोगों का नाम जल्द ही प्रईमारी इतिहास की पुस्तकों मे छाप दिया jaayen बेसिक साहिब को जरूर नोट कर उन्होंने मैंने पूछा मादाम जी कब कारवाही होगी
unhone कहा की अभी मैं ऐ दी ऍम से जांच करुंगी यदि आपकी सूचना सही निकली टू उनको नोटिस भेजी जायेगी फ़िर उनके जबाब के आधार पर कोई कारवाही होगी
मैंने कहा इसकी क्या जरूरत है उन्होंने कहा यह सरकारी काम है उसके कुछ कायदे कानून है सरकार कायर नही है की चुपके से जा कर किसी के गोदाम में छापा मार दे सरकार टू चुनौती देगी ललकार कर वार करने में विस्वास करती है हमने चुरियाँ नही पहन रखी हैं सचमुच मी कलक्टर के हाथ में चुरियाँ नही थी नोकिया का नया सेट था
मैंने कहा की हुजुर ताब तक टू देर हो जायेगी और ये सेठ अपना माल छुपा कर इधर उधर कर देंगे टैब क्या आप उनके खाली गोदामों मी झख मारेंगी वे गुस्सा कर बोलीं सरकार उचक्का नहीं है जो उचक उचक कर कहीं भी पहुँच जाए सरकार काफी गंभीर है इस लिए कोई काम जल्दबाजी में नही करेगी ऐसे मुझे ऊपर से आर्डर मिलें हैं आप जाएं आपको इसके बारे में आपको पत्रों से बताया जायेगा
खर जो पत्रों की कापी मुझे मिली उसमे सेठो ने अपने फार्मोंको सही ठरते हुए बताया की खाद्य मंत्री के नगर आगमन पर उन्हें सम्मानित करने का उन्होंने जो काम किया था उसी से जल कर विरोधियों ने यह शिकायत की है
इसके अलावा वे एक क्लब के मेंबर भी है जहाँ कलक्टर साहिबा के सामाजिक प्रयासों के लिए मंत्री जी से सम्मानित करने की योजना बनी है विरोधी गन इसका विरोध के लिए इस ओछी हरकत पर उतर आयें है इसकी तस्दीक आप ऍम अल सी साहेब से कर सकतीं है हम सभी रूलिंग पार्टी के सी एम् साहिबा के जनम दिन पर ५५ किलो लडू बातें थे हो सकता है इससे भी येही सिद्ध होता है की इन आरोपों मे कोई दम नहीं है फिर भी आप चाहें टू जांच कर सकतीं है वैसे सरकार ने अख़बारों से ले कर चपरासी तक जो भी रेट तय किया है उसका तथा चंदे की जो भी रकम तय होती है हम उसका पालन करतें है टू हमारे पास अनाज दबाने का प्रश्न ही नहीं उठता
कलक्टर साहिबा ने हमारे ऊपर ही जांच बैठा दी की मैंने उनको गुमराह कर सरकार कीअभियान को भटकाने का प्रयास किया
नैतिक मूल्य ----' जो सरकारी नहीं है वही असरकारी है '

गुरुवार, 10 अप्रैल 2008

आरक्षन का आनंद्वोत्सव मनाएं

बधाई हो अर्जुन सिंह तथा सुप्रीम कोर्ट के महान जजों आज आपने एक एतिहासिक फैसला सुना कर वाकई मन को मोहने का ही काम किया है आज तक ओ बी सी के educatonal institution मे रिज़र्वेशन का कोटा न होने से देश को जो हानि हुई है उसे देश कभी नही भूल सकेगा \ लेकिन एक बात समझ में नहीं आती जब कोर्ट में रिज़र्वेशन की बात सरकार उठाती है तो आप सभी judges इसके लिए तैयार नहीं होते एक और फैसला मुझे याद आता है कोई १५ वर्ष पूर्व की बात है सुप्रीम कोर्ट ने पान मसाला व गुटका के pouch तथा डिब्बों की विक्री पर रोक लगा थी ( अम्बु मणि जी ध्यान दें ) तब कुछ देश भक्त पान व गुटका कंपनियों के मालिको ने माननीय कोर्ट से mercy अपील कर यह अनुरोध किया था की जो माल वह पहले से तैयार कर रखें हैं उसको बेचने की अनुमति दे दी जाए उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दिल ऐसा पसीजा की फिर pouch पर प्रतिबन्ध नहीं लगा तथा अब तो गुटखा status symbol हो गया है ऊँचे लोग उंची पसंद सवाल है कितना ऊँचा क्या सबसे उच्च ? खैर सभी को इस न्याय का सम्मान तो करना ही होगा ऊँचे लोग उंची पसंद हम रजनीगंधा खाने वाले ऐरो गैरों को मुंह नहीं लगाते हैं वाकई मजा आ गया लेकिन क्रीमी लेयर को क्यों वंचित कर दिया जा रहा है मलाई तो सबको ही पसंद है तब खुरचन सिंह की खुरचन कौन चाहेगा वाह क्या सबूत है सफेदी का इस समय इस निर्णय ने महँगाई की बात को पीछे कर दिया २० २० की जीत की तरह इंडिया इज शाइनिंग