चेचक परविजय के बीस वर्षपूरे हुए ।यह समाचार आया है। कि इस बीच---आतंकवाद और उग्रवाद नेप्रतिवर्षहजारों कोजीवन-बंधन से मुक्त कराया है। हम प्रगति पर हैं॥ । अब इन्सानकीड़े-मकोड़ों के हाथों नहीं मारा इन्सानइन्सान के हाथ मरने का गौरव पाता है।
kyakahun kaun sunega kyakahun maya ke aage - -------- कहिये , कहिये , हम सुन रहे हैं ...... और यह माया कौन है जो आपको पीछे धकेले हुए है ? अपना ब्लॉग ब्लॉगवानी डॉट कॉम पर रजिस्टर कराएँ तो सुनने वाले बहुतेरे मिल जाएंगे ।
CHOKHER BALI sandoftheeye.blogspot.com और टिप्पणी मॉडरेशन हटा सकें तो टिप्पणी करने वालों का कुछ भला हो जाएगा :)
3 टिप्पणियां:
अब जब इतने दिन बाद टिपिया ही रहे थे तो दो चार लफ्ज औरो लिख देते ...मगर जितना लिखा अछा लिखा अपनी बतिया तो आप ने जोरदार तरीके से कहिई डाली है ...
kyakahun kaun sunega
kyakahun maya ke aage -
--------
कहिये , कहिये , हम सुन रहे हैं ......
और यह माया कौन है जो आपको पीछे धकेले हुए है ?
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bilkul sahee kahaa aapne.
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