रविवार, 30 नवंबर 2008

वेलकम चिदंबरम साहब ,टा टा पाटिल साहिब

टाटा के ताज पर हमला क्या हुआ हमारे आदरणीय गृह मंत्री जी को मंत्र्यालय को टा टा कहना पड़ गया | आंतक वादियों के गोली का एक और शिकार घायल गृह मंत्री के रूप में आया अब देखना ये है कि घायल पड़े हुए इस वी आई पी को सरकार क्या राहत देती है आगामी चुनाव में परिवार के एक सदस्य को टिकट या कुछ और ...
वैसे गृह मंत्री कि बात करें तो पाटिल साहिब भी उन्ही शेर दिल गृह मंत्री कि फेहरिस्त में हैं जो हाल के वर्षों में नेक नामियाँ कमा रखें हैं जैसे मुफ्ती मोहम्मद , बूटा सिंह ,जैल सिंह , नरसिम्हा राव , लौह पुरूष लाल कृष्ण आडवाणी जी आदि आदि
जब आतंकवादियों का हमला चल रहा था तो किसी पाटिल साहब का ही बयां आया कि मेरे पहुँचने के पहले ही आंतक वादी भाग चुके थे नवभारत टाईम्स में ख़बर पढ़ते ही मुझे लगा कि चलो कोई आतंक वादी पाटिल से डरा तो ..पता नहीं वे आर आर पाटिल थे या एस आर पाटिल परन्तु ख़बर सही नहीं थी उस समय लडाई चल रही थी वैसे ये आर आर पाटिल उप गृह मंत्री महाराष्ट्र आंतक वादियों कि संख्या ही गिन गिन कर भूल जा रहे हैं
न हमें एस आर पाटिल कि जरूरत है न आर आर पाटिल कि हमें तो आर - पार पाटिल कि आवश्यकता है अब देखना है चिदंबरम साहिब क्या गुल खिलाते है कहीं आतंकवाद को समृद्ध देशों का प्रतीक न मान बैठें क्यों कि अब तक ये साहब भी भरमाते ही रहे है कि अब मुद्रा स्फीति घटा , अर्थव्यस्था मजबूत है ,शेअर मार्केट मजबूत है फंडामेंटल मजबूत हैं फ़िर कहतें है कि शेअर मार्केट अर्थव्यस्था का सूचक नहीं है
अब तुम्हारे हवाले है चिदंबरम ,चाहे ठंडा रखो या गरम
ये बयां मत देना की there is no adverse effect of terrorist killing on our growing economy .it is still growing at the rate of 7 t0 8 % मुरुगन तुम्हारी रक्षा करें

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