शुक्रवार, 16 जनवरी 2009
शिक्षा के लिए कुंवारेपन की बोली सिर्फ़ १८ करोड़
मेरी नजर में अब तक अमेरिका की तस्वीर एक सुशिक्षित व सभ्य समाज की थी जहाँ उच्च शिक्षा के लिए दुनिया भर से लोग जाते हैं लेकिन उच्च शिक्षा के लिए किसी छात्रा को अपनी virginity कौमार्यता बोली लगनी पड़े व अमेरिका जैसे देश में रेडियो पर प्रसारित ख़बर सुन कर १०००० लोग बोली लगाये तथा यह बोली १८ करोड़ तक पहुँच जाए एक आश्चर्य ही है
कैलिफोर्निया के सैन डियागो की नताली देलन ने पहली बार जब सितम्बर २००८ में अपने कुवारेपन की बोली लगे तो सबसे पहली बार एक करोड़ सत्रह लाख रुपये की बोली लगी जो बढ़ते बढ़ते १८ करोड़ तक पहुँच गई अभी उसे और बड़ी बोली का इन्तेजार है
नताली बोली से प्राप्त धन का उपयोग फॅमिली एंड मेरिज थेरेपी की उच्च शिक्षा में लगना चाहती है
अब वह इस शिक्षा से क्या ज्ञान हासिल कर समाज को देगी यह तो समय ही बताएगा लेकिन ये बात तो तय हो गई की कुंवारेपन को लेकर अमेरिका में उसी प्रकार की जिज्ञासा है जैसी आदम व एव को थी |
लेकिन यह तो जरूर है कि नताली टाप करेगी क्योंकि अध्यापक तो ऐसे ही नंबर थोक में दे देंगे इस होनहार क्षात्रा को जो अपने कुनारेपन को सिद्ध करने के लिए कोई भी टेस्ट कराने के लिए तैयार भी है
क्या अमेरिका में शिक्षा के लिए ये भी करना पड़ता है मुझे तो अब कोई अमेरिकी शिक्षा प्राप्त व्यक्ति के चरित्र पर शंका होने लगी है क्या इतनी मंहगी शिक्षा है लानत है ऐसे देश पर जो कंपनियों के लिए बेल आउट पॅकेज दे सकता है मुशर्रफ़ को मदद कर सकता है वहां एक अबला को अपनी उच्च शिक्षा के लिए पहले तो इतना त्याग कर
गुह्यतिगुह्य कीमती वस्तु की रक्षा की फ़िर समय आने पर उसे नीलामी के लिए बाजार में बिड की उसे कन्या विद्या धन जैसी स्कीम से लाभ नहीं दे सकती अमर सिंह को वहां जा कर ओबामा को यह बात बतानी चाहिए और उस कन्या के साथ फोटो भी खिंचा लेनी चाहिए
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2 टिप्पणियां:
मामला गंभीर है, स्वतंत्रता के नाम पर मानसिक दीवालियापन
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