शुक्रवार, 10 जुलाई 2009

जय हो एस सी तूने लाज रख ली

आज सुप्रीम कोर्ट का एक महत्व पूर्ण फैसला आया है जिसमे उसने यह कह कर मूर्ती वाले मामले में कोई रोक लगाने से इनकार कर दिया है क्योंकि यह कैविनेट से पास है यदि कोर्ट की भाषा उधृत करें तो " if it has been approved by government , this court can not interfere । माननीय प्रधान न्यायाधीश महोदय की अध्यक्षता वाली पीठ ने रिट पर status que लगाने से इनकार कर दिया
मैं न तो विधि का ज्ञाता हूँ और न ही इसके बारे में ज्यादा पढ़ता ही हूँ लेकिन कुछेक फैसलों के बारे में मेरा माथा चकराता है कि क्या ऐसा भी होता है कि न्यायिक सक्रियता के इतने शोर शराबे में कुछ राजनितिक मामल्लों में सर्वोच्च संस्था कभी कभी इतनी तेजी दिखाती है मानो फलां मामले में दो चार दिनों में ही आर पार का फैसला हो जाएगा फ़िर सी बी आई को लताड़ पड़ती है कि उसने चार्ज शीट ही लचर बनाई और मामला फुस्स

भाई दिनेश राय द्विवेदी जैसे लोग इस बात को बेहतर ढंग से बता सकतें है कि क्या कैबिनेट से सार्वजनिक धन
के दुरुपयोग के या जन कल्याणकारी न होने के दावों को इस आधार पर कि वह कैबिनेट से duly pass है कोर्ट कोई एक्शन नहीं नहीं ले सकती यदि ऐसा है तो विगत कई एतिहासिक फैसलों में जहाँ कोर्ट ने सरकार के फसलों पर रोक लगाई थी क्या वे सभी कैबिनेट से पास नहीं हुए थे क्या ???
आज के निर्णय के बाद ऐसा लगता है कि कैबिनेट ही सर्वोच्च है मैंने सपना देखा है कि उसी पार्क में दिल्ली के कुछ और महानुभावों कि मूर्तियाँ लगाने का फैसला कैबिनेट ने ले लिया है तथा शीघ्र ही इन महानुभावों कि मूर्तियाँ लगेंगी तथा यू पी की राजधानी चिकमंगलूर करने का भी फैसला भी जल्द ही कैबिनेट की आगामी बैठक में पास होगा जिससे सर्व समाज के लोगों के लिए इसे खाली कर के पार्क में ११ लाख हाथियों की मूर्तियाँ लगाई जा सके ताकि राज्य के हर दस आदमी के हिस्से में एक हाथी की मूर्ति आ सके
हे प्रभु इन्हे माफ़ करना क्योंकि वे सब कुछ जानते है की उन्होंने क्या किया है

2 टिप्‍पणियां:

वातायन ने कहा…

अब तो मैं भी अपनी मूर्ति बनवा रहा हूँ ,कोई पार्क तो मिलेगा नहीं इसे लगाने के लिए ,इसीलिए अपने किचेन गार्डन में ही लगवाऊंगा .......बहुत अच्छा लेख था .मेरा एक नया ब्लॉग है ..zustazu.blogspot.com
पधारिएगा, स्वागत है .

Arvind Mishra ने कहा…

हाँ बंधु दुःख तो मुझे भी है -कोई कहता है जाति बिरादरी का मामला हैं जिसके चलते इस .....वाली .की कोई ........नहीं उखाड़ सकता !