शुक्रवार, 18 सितंबर 2009

पाक ब्लागरो का भदेसपन

पूर्व के पोस्ट श्राद्ध कैसे कैसे पोस्ट कराने के बाद नेट पर घूमते घूमते एक समाचार पर नजर पड़ी की भारत पाकसीमा पर २००० वेश्याएं भारतीय फौजों के अवसाद दूर कराने के लिए लगाई जा रहीं है
इस ख़बर को पढ़ कर मैं एक बार चौंका कि माना कि सैनिक अवसाद में रहते हैं तथा आत्म हत्याएं भी करते हैंजैसा कि दुर्खिम ने अपने अध्ययन में भी यह सिध्ध किया है कि परिवार से दूर एकाकी जीवन जी रहे सैनिकों मेंआत्महत्या कि प्रवृत्ति अधिक होती है भारतीय सैनिक इसके अपवाद नहीं , लेकिन किसी देश ने सैनिकों के जीवनको बचाने के लिए ऐसा अभिनव प्रयोग किया हो ऐसा मैंने कहीं पढ़ा नहीं था
लगे हाथ जब मैं इस साईट pakalerts.wordpress.com पर गया तो पूरी ख़बर विस्तार से पढ़ी सोचने लगा किपाक सेना इसके जबाब में क्या बार्डर पर जनखों कि फौज खड़ा करेगी जिससे उनके फौजियों का मनोबल बढ़ता रहे
दूसरे दिन इस ख़बर कि हकीकत जानने के लिए जब कई साईट देखा तो पता चला कि महिला बी एस ऍफ़ के २०००महिला सैनिक इंडो पाक बार्डर पर तैनात हो रहीं हैं जिसकी प्रतिक्रिया में यह सब लिखा गया है
इसी साईट पर हिन्दुओं के कर्म काण्ड के कुछ बड़े ही घ्रृणास्पद चित्र जो लाशों के अन्तिम क्रिया के दौरान नदियों मेंया आस पास बिखेरे रहते हैं उसे दिखाया गया है इन चित्रों को प्रकाशित कराने के पीछे एक ही मकसद था हिन्दुओंके कर्म काण्ड कि खिल्ली उडाना


लेकिन यह सत्य कड़वा है हमें मृतक व्यक्तियों के अन्तिम संस्कार करने के पूर्व यह अवश्य ध्यान देना होगा किउसके अधजले अवशेष बचे जिसे ये नाटकबाज दिखा दिखा कर किसी धर्म का मजाक बना सके चूँकि किसीमानव कि लाश कि नुमाइश नही होनी चाहिए इसलिए हम सबको इसका विरोध इस साईट पर करना ही चाहिएवैसे इस साईट पर कमेन्ट आदि पढ़ कर ऐसा लगा कि ये जान बुझ कर हिन्दुओं को भला बुरा कहने कि धर्मान्धतासे प्रेरित है यहाँ स्वच्छ संदेश वालों को स्वच्छ संदेश देना चाहिए कि क्या इस्लाम में मृत लाशों कि बीभत्सता कोदिखने कि कोई विवशता है क्या ?????
क्या कहूँ ऐसे ओछी मानसिकता वाले पाक ब्लागरों को ......
औरों को अमृत देने का दंभ नहीं अच्छा है
अपने मन का विष यदि पच जाए तो काफ़ी है

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