बहुत दिनों से ब्लॉग जगत से कटा रहा अघोषित संन्यास सा बना रहा कई ऐसे विन्दुओ पर लिखने की इच्छा होने के बाद भी ऐसा लगा कि छोडिये और भी गम है ज़माने में मोहब्बत के सिवा ब्लॉग लिख कर कौन सी क्रान्ति आ जाने वाली है
फिर तिवारी जी की डी एन ए रिपोर्ट आई ऐसा लगा कि रोहित के घर बाप के अवतार क़ी परिकल्पना साकार हुई फोन आ रहे होगे बधाई हो बाप पैदा होने की तिवारी जी के बयान पर नजर पड़ी जो इस तरह से है
तिवारी ने कहा कि वह अपने दिल और आत्मा से कभी कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहते थे। उन्होंने कहा, 'मेरी सादगी के चलते मेरी उम्र के इस पड़ाव में मेरे विश्वसनीय लोगों ने मेरे खिलाफ सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचा। मेरे मन में मुझे उनके खिलाफ कोई शिकवा नहीं है। रोहित शेखर के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है। मेरे मन में रोहित शेखर के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है।'
तिवारी ने स्वयं को महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का अनुयाई बताते हुए कहा कि उन्हें अपनी तरह से रहने का अधिकार है जो अभी भी उन्हें प्राप्त है। उन्होंने कहा, 'किसी की निजता में हस्तक्षेप करना उचित नहीं है।'
साथ ही उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्हें अपने तरह से जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा, 'इस घटना को मुद्दा नहीं बनाइये। कृपया विकास के कार्य में मेरा सहयोग करिए। हमें कई कार्य करने हैं और हमें भावी पीढ़ी की बेहतरी के लिए आधारशिला रखनी है।'
मैंने तिवारी जी के एक निकटतम सहयोगी से पूछा क़ि तिवारी जी अभी भी देश सेवा का जज्बा रखते है उन्होंने अंग्रेजी क़ि एक कहावत ठोकी OLD HABITS DIE HARD अर्थात बुरी आदते बड़ी कठिनाई से ख़त्म होती है मैंने पूछा क़ि आखिर नेता जी खून देने में आना कानी क्यों कर रहे थे तो उस मित्र ने बताया क़ि यही तो राज है देश सेवा के दौरान छोटी मोटी भूल होती रही कंडोम का प्रचार भी उन दिनों नही था खून का सेम्पल देने में आनाकानी क़ि वजह यह थी क़ि कही लाइन न लग जाए कोर्ट में क़ि मेरा भी डी एन ए मैच कराओ मेरे धर्म पिता तिवारी जी है वैसे नेता जी न खून देने से डरते है न कोई और शारीरिक द्रव दान से देश सेवा व विकास कार्य के लिए जनता से अभी भी सहयोग मांग रहे है तिवारी जी और जनता है क़ि अन्ना पर कुर्बान हुई जा रही है
भावी पीढी के बेहतरी के लिए उनके सफल विवाहेत्तर संबंधो की गोपनीयता बनाने के लिए हम सभी नौजवानों व भूतपूर्व नौजवानों से अपील करते है क़ि वे तिवारी जी से व्यक्तिगत रूप से मिल कर विकास के कार्य करने के नुस्खे सीख लीजिये और विकास कार्य में चोरी छुपे सहयोग कीजिए
मैंने तिवारी जी के मित्र से पूछा क़ि आखिर तिवारी जी क़ि इसयौनिक सक्रियता का रहस्य क्या था तो उन्होंने बताया क़ि तिवारी जी गाय का दूध पीते है और १९७० से अब तक वह जिस भी गाय का दूध पिटे रहे है वह घास भूसा नहीं खाती बल्कि बाजार से उसे सेव व फलो का सेवन कराया जाता रहा है उस गाय के दूध से testoron हारमोन बनता रहा है जिससे देश सेवा की अद्भुत प्रेरणा मिलती रही सोच रहा हूँ जा कर तिवारी गौशाला से कोई गाय क़ि बछिया या बूढ़ी गाय ही ले आऊ व एक BAMS फेल डाक्टर रख कर मर्दाना कमजोरी का दवाखाना खोल लू उसका उदघाटन कौन कर सकता है आप बेहतर अंदाजा लगा सकते है
फिर तिवारी जी की डी एन ए रिपोर्ट आई ऐसा लगा कि रोहित के घर बाप के अवतार क़ी परिकल्पना साकार हुई फोन आ रहे होगे बधाई हो बाप पैदा होने की तिवारी जी के बयान पर नजर पड़ी जो इस तरह से है
तिवारी ने कहा कि वह अपने दिल और आत्मा से कभी कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहते थे। उन्होंने कहा, 'मेरी सादगी के चलते मेरी उम्र के इस पड़ाव में मेरे विश्वसनीय लोगों ने मेरे खिलाफ सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचा। मेरे मन में मुझे उनके खिलाफ कोई शिकवा नहीं है। रोहित शेखर के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है। मेरे मन में रोहित शेखर के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है।'
तिवारी ने स्वयं को महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का अनुयाई बताते हुए कहा कि उन्हें अपनी तरह से रहने का अधिकार है जो अभी भी उन्हें प्राप्त है। उन्होंने कहा, 'किसी की निजता में हस्तक्षेप करना उचित नहीं है।'
साथ ही उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्हें अपने तरह से जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा, 'इस घटना को मुद्दा नहीं बनाइये। कृपया विकास के कार्य में मेरा सहयोग करिए। हमें कई कार्य करने हैं और हमें भावी पीढ़ी की बेहतरी के लिए आधारशिला रखनी है।'
मैंने तिवारी जी के एक निकटतम सहयोगी से पूछा क़ि तिवारी जी अभी भी देश सेवा का जज्बा रखते है उन्होंने अंग्रेजी क़ि एक कहावत ठोकी OLD HABITS DIE HARD अर्थात बुरी आदते बड़ी कठिनाई से ख़त्म होती है मैंने पूछा क़ि आखिर नेता जी खून देने में आना कानी क्यों कर रहे थे तो उस मित्र ने बताया क़ि यही तो राज है देश सेवा के दौरान छोटी मोटी भूल होती रही कंडोम का प्रचार भी उन दिनों नही था खून का सेम्पल देने में आनाकानी क़ि वजह यह थी क़ि कही लाइन न लग जाए कोर्ट में क़ि मेरा भी डी एन ए मैच कराओ मेरे धर्म पिता तिवारी जी है वैसे नेता जी न खून देने से डरते है न कोई और शारीरिक द्रव दान से देश सेवा व विकास कार्य के लिए जनता से अभी भी सहयोग मांग रहे है तिवारी जी और जनता है क़ि अन्ना पर कुर्बान हुई जा रही है
भावी पीढी के बेहतरी के लिए उनके सफल विवाहेत्तर संबंधो की गोपनीयता बनाने के लिए हम सभी नौजवानों व भूतपूर्व नौजवानों से अपील करते है क़ि वे तिवारी जी से व्यक्तिगत रूप से मिल कर विकास के कार्य करने के नुस्खे सीख लीजिये और विकास कार्य में चोरी छुपे सहयोग कीजिए
मैंने तिवारी जी के मित्र से पूछा क़ि आखिर तिवारी जी क़ि इसयौनिक सक्रियता का रहस्य क्या था तो उन्होंने बताया क़ि तिवारी जी गाय का दूध पीते है और १९७० से अब तक वह जिस भी गाय का दूध पिटे रहे है वह घास भूसा नहीं खाती बल्कि बाजार से उसे सेव व फलो का सेवन कराया जाता रहा है उस गाय के दूध से testoron हारमोन बनता रहा है जिससे देश सेवा की अद्भुत प्रेरणा मिलती रही सोच रहा हूँ जा कर तिवारी गौशाला से कोई गाय क़ि बछिया या बूढ़ी गाय ही ले आऊ व एक BAMS फेल डाक्टर रख कर मर्दाना कमजोरी का दवाखाना खोल लू उसका उदघाटन कौन कर सकता है आप बेहतर अंदाजा लगा सकते है
1 टिप्पणी:
उद्घाटन समारोह में पुराने हमदर्द हमनवा दोस्तों को बुलाना मत भूलियेगा! :-)
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