रविवार, 11 जनवरी 2009

क्या टाप क्लास के नेता ख़त्म हो चुके हैं ?


जब मैं अपने देश के बारे में यह पड़ता हूँ कि वैज्ञानिक
टाप क्लास के हैं सुपर कंप्युटर टाप है फलां व्यक्ति टाप क्लास का है तो मेरे मन में ख्याल आता है कि क्या हमारे वैज्ञानिक आज के नेताओं के दिमाग में कोई ऐसा रसायन दाल देते जिससे इनकी सोचने समझाने कि शक्ति देश के प्रत्ति हो जाती| समाजवादी पार्टी कि लिस्ट में एक से एक रत्न आगामी चुनाव में जन प्रतिनिधि कि आस लगाये बैठे हैं ददुआ के भाई बाल कुमार , आर के पटेल , अशोक चंदेल , संजय दत्त या मान्यता दत्त यही हाल आपनी ब स पा का है खैर ये पार्टियां अपने को ऐसी वैतरणी पार कराने वाली परम पावन सत्ता मानती हैं कि हर डाकू चोर खुनी दागी अभागी
सब पार्टी ज्वाइन करते ही वाल्मीकि व अजामिल कि श्रेणी में आ जाते हैं | अभी यू पी के मंत्री ने फ़रमाया कि गांधी व तिलक भी अपराधी थे तो आज के राजनितिक आपराधियों को टिकट देना कोई ग़लत नहीं है

आख़िर जनता के पास विकल्प क्या है लेकिन क्या यह सच नहीं है कि जनता भी ऐसे नेताओं को पसंद करती है जो इनके ग़लत कामो को दबंगई व गुंडई से करा दे , जिससे मिलने के पहले बन्दूक धारियों से व गुंडा तत्वों को अपना परिचय देना पड़े , आज कल ऐसे ही विधायक व एम् पी चुनना हम पसंद करतें है ताकि हमारी शान बनी रहे
क्या यह सही नहीं है कि जिन लोगो के भरोसे हम अपने मासूम बच्चो बच्चियों को एक दिन के लिए नहीं छोड़ सकते ऐसे ही थर्ड क्लास के लोगों को चुन कर हम पुरा देश प्रदेश वर्षो के लिए सौंप देते हैं
टाप क्लास के नेता प्रतिनिधि के मामले में हम कब वर्ड फेम हासिल करेंगे ?????

1 टिप्पणी:

Arvind Mishra ने कहा…

सही है अब बाटम नेताओं से ही देश का कल्याण बोले तो बंटाधार होगा !