प्रधान मंत्री के बंगले पर अनेक जीवो परजीवो
परभक्षियों जन व धन भक्षियों की नजर लग गई है कि ए दिन कोई न कोई बयां आते रहते हैं इसी बंगले के आस पास मलाई कि आस में एक बिल्ली भी घूम रही है यह बिल्ली मानती है कि दूध की हांडी में मुंह डालने के लिए यह कोई जरूरी नहीं कि आप गाय भैंस पालो ही , मलाई पर हक चतुर बिल्ली का ही होता है
उत्तर प्रदेश में ऎसी मलाई कई बार बी जे पी और समाजवादी पार्टी के गाय भेड़ों के दूध से चख चुकी इस बिल्ली को छीका टूटने व मलाई की सुगंध आ रही है लेकिन पार्टियाँ सतर्क हैं क्योंकि वह सत्ता की हांडी चौराहे पर फुड्वाना नहीं चाहती हैं जैसा कि बी जे पी व स पा ने देखी है वैसे इन दिनों खिसियानी बिल्ली ने चुनाव आयोग का ही खम्बा नोचना शुरू कर दिया है भइया नवीन चावला को २४ घंटे भी नहीं हुए थे आफिस में बैठे कि बिल्ली ने गुर्राना शुरू कर दिया कि चावला नहीं चाहते कि उनके हाथ में सत्ता आए
और दो साल पहले चुनाव आयोग निस्पक्ष होता तो उसे १०० सीटें और मिलती
आज फतह बहादुर और डी जी पी के हटाये जाने पर इतनी नाराजगी कि बिना कारण इन आदरणीय बहादुर अफसरों को क्यों हटा दिया गया किंतु वह शायद भूल रहीं है कि २००४ के चुनावों में जब मुख्या सचिव वाजपेयी व
डी जी पी को हटाया गया तो सबसे पहले बधाई इन्होने ही चुनाव आयोग को दिया था जहाँ तक कारणों का प्रश्न है मंच से अधिकारीयों के निलंबन कि सीधे घोषणा कसे होती है तथा कैसे तालियों के बीच ही ये घोषणा हो जाती है ये तो नियुक्ति सचिव श्री ..... बाज बहादुर अवश्य जानते होंगे , आज अपने पर आई तो संविधान व विधान कि याद आने लगी
जीभ लपलपाना छोड़ दो छीका अभी दूर है बिल्लो रानी
1 टिप्पणी:
कहीं बिल्ली के भाग से छीकां न टूट जाय !
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