शुक्रवार, 22 मई 2009

जनादेश धत तेरे की


ये कैसा जनादेश मिल गया लगता है मूंग की खिचडी खा रहे मरीज को माल पुआ मिल गया हो अब बताइए मरीज की हालत क्या होगी देश को पता नहीं किसकी नजर लग गई जो ये जनादेश आ गया
वैसे जनादेश , सर्वानुमति आदि शब्दों को लोकप्रिय बनने वाली बी जे पी स्वयं सकते में है इस मूर्ख मने जाने वाली जनता ने लुटिया ही डुबो दी तमाम फ्रान्तिकारी नेतावो के स्वप्निल गर्भ जिसका ultrasound वे देख चुके थे उनका गर्भपात हो गया वह भी इस तरीके से की आँख से आंसू भी नहीं निकला
मैंने राम विलास जी से पूछा तो उन्होंने बताया की महा सेल के लिए उन्होंने MRP का टैग भी अपने कुरते में सिल्वा लिया था लेकिन सत्यानाश हो इस जनादेश का
लेफ्ट के लोगो की व्यथा कुछ और तरीके की थी तीन माहो से वे अपने कुरते घडे में सिकुराने के लिए डाले बठे थे तथा कपालभाती कर रहे थे जिससे आने वाले वक्त में मुंह फुला कर साँसों को रोका जा सके यह साधना भी बेकार गई कामरेड करात तो शीशे के सामने मुंह फोलाने व बिचकाने का क्रश कोर्स भी सीख चुके थे जो सरकार चलने में काम आती लेकिन सब बेकार हो गया
रही बात पी एम् इन वेटिंग की तो हाय रे किस्मत इतने दिन पहले से टिकट लिया हुआ था वेटिंग कन्फर्म होना तो दूर आर ऐ सी में भी नहीं कन्वर्ट हो सका आब जो नै शेरवानी का कपडा दरजी को दिया था उसका ६ क्च्छे सिलवाने पड़े हैं जो मोदी जैतली राजनाथ वन्काया नायडू सहनावज तथा शिवराज को देनी पड़ी हैं
मजबूती दिखने के लिए जिम वाले भाई का किराया भी बकाया चल रहा है बदन में दर्द अलग से हो रहा है जिम जाना जो छोड़ दिया ,अच्छा होता शरीर की मजबूती की जगह दिमागी मजबूती के लिए बच्चन वाला नवरत्न तेल ही लगता ठंढा ठंढा कूल कूल
वैसे मुझे लगता है की बच्चन जी को अपने ठंढे तेल की मालिश इन नेतावों की करनी चाहिए थी प्रोडक्ट की अच्छी बिक्री भी हो जाती तथा आमदनी भी हो जाती मेरे इतना कहना था की बच्चन उखड गए कहने लगे की क्या मैं घास खोद रहा हूँ भाई अमर सिंह के आर्डर पर सारी सप्लाई चौथे फ्रंटको कराने में ही परेशान हूँ तुम भी परेशान कर रहे हो लल्लू

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