अच्छा है संसार में यह किस्मत का खेल
कातिल को कुर्सी मिले फरियादी को जेल
सब कुछ उल्टा हो गया आज कार्य व्यापार
थाने मी जन्माष्टमी आश्रम में हथियार
दूध दुहे बलता भरे गए शहर की ओर,
दिन डूबा दारू पिए लौटे नन्द किशोर
गाँधी लोहिया जे पी करते पश्चाताप,
कैसे अनुयाई हुए अरे बाप रे बाप
बिके हुए है लोग ये कैसे करे विरोध ,
कभी आपने सुना है हिजड़ा और विरोध
भ्र
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