रविवार, 31 मई 2009

उ प्र में भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकारी हल्ला बोल अभियान

यू पी में चुनाव परिणाम आने के बाद प्रशाशनिक चुस्ती फुर्ती के लिए आला अफसरों की बैठके हो चुकी है तथा कैसे आम जनता को स्वच्छ प्रशाशन की सुगंध महकाई जाए इस पर गंभीरता से मंथन चल रहा है
कभी कभी अपने आस पास भी इतना सारा व्यंग्य और विद्रूपता मिल जाता है की श्री लाल शुक्ला के राग दरबारी जैसे कई उपन्यास सृजित हो जायें एक सरकारी बैठकजिसमे मुख्या मंत्री के आदेशों के अमल हेतु तथा गरीबों को कैसे फ़ौरन राहत मिले तथा ऐसा लगे की सरकार गरीबों मजलूमों की हिमायती है क्या बदलाव लाया जाए जिस पर शीर्ष प्रशाशनिक अधिकारीयों की एक महत्वपूर्ण बैठक के कुछ अंश आपके सामने रख रहा हूँ यह कोई कल्पना नहीं है सत्य है तथा जिन लोगो को इस बैठक में शिरकत करने का मौका मिला वे इसकी हकीकत समझते होंगे मैं शीर्ष दो अधिकारीयों की निजता को गुप्त रखते हुए मीटिंग के संवाद को पढ़ें

बड़े साहब -- भाई मीटिंग बुलाने का ये उद्देश्य है की कई ऐसे विभाग जो जनता से सीधे जुड़े हैं उनमे जनता का कोई काम बिना पैसे दिए नहीं हो रहा है ये विभाग मुख्य मंत्री जी की नजरों में हैं अतः इन विभाग के अधिकारीयों के जैसे पंचायत विकास समाज कल्याण , ब्लाक , तहसील , निर्माण विभाग को ऐसी व्यवस्था बनानी होगी की जनता को कोई घूस न देनी पड़े
छोटे साहब --- सही कहा आपने सर मैं भी ये महसूस करता हूँ की कुछेक विभाग ऐसे हैं जिसमे भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है तथा बाबू व अफसर दोनों भाई चारा बना कर जनता व विभाग दोनों को चुना लगा रहे हैं
बड़े साहब --- भाई ये सब ऐसे नहीं चलेगा नहीं तो आप सब कड़ा दंड सहने को तैयार रहो हम लोग वो सब बात नहीं बताना चाहते जो हम लोग अपनी बैठकों में सुन कर आते हैं लेकिन यू विल बी इन हॉट वाटर इफ यू विल नत अय्बल to चेंज योर वर्क कल्चर ॥ that is last एंड फाईनल है न जाने अबकी सी em ke daure me kaun बचेगा या मरेगा
छोटे साहेब -- सर कब है दौरा
बड़ा साहब -- बहुत जल्द ही शायद १ माह में ये मीटिंग हॉल का ऐ सी भी अच्छा नहीं है मैं चाहता हूँ की इसमे चार पञ्च ऐ सी लग जाए कहन से इंतजाम किया जाए कुछ बताइए मुझे कहना पड़ेगा
छोटा साहिब --- अरे नहीं सर इसमे कौन सी बड़ी बात है मैं तो सोच रहा हूँ की इस मीटिंग हॉल की चारो दीवाल पर चार चार ऐ सी लगा दिया जाए मेनेज हो जाएगा सर , सप्लाई आफिसर परिवहन , विक्रीकर , निबंधन विकास पंचायत सभी विभागों से ऐ सी की व्यस्था तीन दिनों में हो जायेगी किसी को कुछ कहना हो तो अभी बता दे नहीं तो मैं अन्य विभागों से बात करूँ
एक सन्नाटा फ़िर बारी बारी से तथा समवेत स्वर से नहीं सर ये तो हो जाएगा सर आप ब्रांड बता दें सर
बड़ा साहब -- एल जी का ठीक रहेगा २ टन का हाँ एक बात और है इस मीटिंग हाल का फर्नीचर व कालीन भी पुराना हो गया है इसे भी बदल दिया जाए तो बेहतर होता
छोटा साहब --- जी सर मैं यही कहना चाहता था सर बहुत दिनों से हो जाएगा सर आपको चिंता करने की जरूरत नही मैं अभी वन विभाग के तिवारी को कहता हूँ आज मीटिंग में नहीं आया है
बड़ा साहब -- नहीं ये सब जरूरी चीजे हैं मीटिंग के लिए ... हाँ तो मैं फ़िर दोहरा दूँ की हम सबको कार्य संस्कृति बदलनी होगी गाँव का दलित गरीब का शोषण कौन कर रहा है उसे मौके पर जा कर चिन्हित कर इन बदमाशों को जेल में डालना होगा इसके लिए सभी अफसर कल से ही गाँव में जाना शुरू कर दें
एक बात का जरूर ध्यान दें की आपका बाबू जो घूस लिए बिना काम नहीं करता उस पर कसे अंकुश लगाया जाय मेरे स्तर से जो लिखना हो लिखवा लें लेकिन किसी भी हालत में ये सब बंद होना चाहिए
छोटा साहब --- जी सर यही तो सी एम् साहिबा चाहती हैं change we believe in ।
इसके बाद यह गुप्त मीटिंग समाप्त हो जाती है इसी संदेश के साथ की बदलाव दिखना चाहिए
राम जाने क्या क्या देखना बाकी है इस जनता को

1 टिप्पणी:

Arvind Mishra ने कहा…

कथनी करनी का अंतर तो साफ़ दिखे है भाई यहाँ ! कितना हास्यास्पद है यह !