जब से निशानेबाज बिंद्रा ने गोल्ड मैडल क्या जीता सोने और चाँदी दोनों के भाव गिरते ही चले जा रहे है विश्वास न हो तो पुराने सराफा बाजार की खबरें देख लें बिंद्रा ने कहा कि यह स्वर्ण कईयों को प्रेरित करेगा \किंतु सत्यानाश हो इन सर्राफा बाजार वालों का जो सोना तो सोना , चाँदी का भी दाम गत आठ महीनों के न्यूनतम मूल्य पर ला कर पटक दिए बिंद्रा का कहना था उसका केवल लक्ष्य मैडल कि ओर ही था किंतु भला हो अन्य निशानेबाजों राठौर आदि आदि का जो सराफा बाजार कि ख़बरों पर ध्यान देते हुए सोच लिए कि ये फायेदे का सौदा नहीं कि मैडल ले जाओ जिसकी कीमत ओलम्पिक ख़त्म होते होते पता नहीं कहाँ तक गिर जाए
वास पता नहीं सोना भी कितने कैरट का है इन चीनियों का क्या भरोसा जब इन्हे भारत के मेहमानों कि लिस्ट में मनमोहन सिंह में ही खोट नजर आ गया तो इनकी नियत मैडल बनाने में कितनी साफ़ होगी ची चंग ही जाने \
फेल्प्स आठ स्वर्ण ले जा रहे हो न बाद में पता चलेगा कि ये सारे स्वर्ण संघाई के कबाडी बाजार से पीतल के बने हुए हैं खैर इसमे तुम क्या कर सकते भी हो तुम्हारा देश तो ऐसे भी कुछ करने वाला नहीं है सिवाय निंदा के ...
कांस्य पदक शायद ठीक ठाक हो इसमे हमारे बाक्सेर लगे हुए हैं देखना स्वर्ण मृग के चक्कर में तुम सब मत आ जाना हम सब उन वीरों कि संतानें है जिन्होंने सोने को लोष्ठ्वात ( ढेले) से ज्यादा कुछ नहीं समझा बिंद्रा अभी नादान है शादी शुदा है नहीं वो नहीं जानता कि सोने के पीछे भागेगा तो भागता ही रहेगा सीखना है तो क्रिकेट टीम से सीखो जो रोज बयान दे रही है कि मेंडिस कि काट मिल गई है और हर बार मेंडिस ही काट रहा है एक दो हार से जिन्दगी तो ख़त्म नहीं हो जायेगी मन बहलाने के लिए बिंद्रा का मैडल काफी है आप सब आ जाओ कामनवेल्थ और मिशन लन्दन कि बात करनी है
1 टिप्पणी:
बाजार/बचत भाव उद्दीपन के लिए शुक्रिया ..मगर इतना सस्ता भी कहाँ हुआ है? और ये बाक्सर तो लुढ़क गया !
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