बुधवार, 17 सितंबर 2008

मुशर्रफ़ रमजान के महीने में हक की कमाई से खैरात देंगे


क्या क्या नहीं किया अमेरिका के इशारों पर
चुनाव करा कर अपनी ही जड़ें खोद डाली
कहने पर ही वर्दी डाली उनके ही कहने पर
तालिबानों के खिलाफ और दहशतगर्दों के खिलाफ जंग छेड दिया अंत में नेकी का जीवन बिताने के लिए रमजान के महीने में आखिरकार मुस्सरफ साहिब ने ये फैसला किया कि जमीर की बात मानेंगे तथा हक़ कि कमाई से खैरात देंगे इंशाल्लाह ये ख्वाहिश पुरी हो .... आमीन

1 टिप्पणी:

Arvind Mishra ने कहा…

चलिए इनसे सब्जी ख़रीदी जाय .टका सेर भाजी ,टकासेर .....