शुक्रवार, 31 अक्तूबर 2008
क्या धुम्रपान ऐसे रूकेगा ?
२ अक्टूबर से धूम्रपान पर प्रतिबन्ध लगा कर सरकार यह संदेश देना चाहती है की वह इसे सख्ती से लागू कर आम आदमी को स्वास्थ्य के प्रति सही मायनों में चिंतित है | लेकिन अम्बुमणि जी कोई भी सरकार समाजसुधारक नहीं हो सकती है समाज सुधार करना कभी भी सरकार का काम न पहले कभी था और न आगे कभी रहेगा चाहे वह सामाजिक बुराई हो या धार्मिक , नैतिक या आर्थिक या स्वास्थ्य सम्बन्धी कुरीतियाँ , भारतीय समाज रूढिवादी व परिवर्तन विरोधी रहा है पेप्सी व कोका कोला में कौन सा विटामिन परोसा जा रहा है कि उसके विज्ञापनों व इस्तेमाल के फायदों व नुकसानों के बारे में चिंतन नहीं हो रहा है बाबा रामदेव अवश्य इसके पीछे पड़े हैं लेकिन तम्बाकू व शराब के बारे में उनका विरोध कहीं दिखता नहीं जो शरीर को खोखला करतें है क्यों कि प्रचार के लिए ये सब बातें बहुत से महापुरुषों ने धर्म प्रवर्तकों ने ज्ञानियों ने धर्मग्रंथों में इसकी निंदा की है लेकिन इन नशा का कभी अंत नहीं हुआ लोग धर्म के विरोध में भी जा कर इन नशे की चीजों के गुलाम हो गए | तब ऐसी पुरानी चीजों के बहिष्कार का खतरा उठा कर इन बाबा जी लोगों को मीडिया क्या प्रचार करेगा शायद यही सोच कर ये बाबा लोग शांत रहतें है
तम्बाकू किसी रूप में भी नुक्सान दायक है जरूरत है प्रचार माध्यमों के द्वारा सतत विरोध के प्रचार कर मानसिकता में बदलाव लेन की जो एक जटिल प्रक्रिया है | इस देश में पता ही नहीं चलता है की किसी जन जागरण अभियान ( सरकारी ) का वास्तव में कितना प्रभाव या कुप्रभाव जनता पर पड़ता है चाहे सर्व सिक्षा अभियान हो या पोलियो उन्मूलन या एड्स विरोधी मुहीम सभी अभ्यनों से जाग्रति तो अवश्य आती है किंतु आदतों में दृढ़ता भी आ जाती है मिसाल के लिए एड्स विरोधी जागरूकता से ज्ञान तो बढ़ा किंतु एड्स के मरीज संख्या में वृद्धि होती जा रही है हालत उस नौसिखिये की है जो ट्राइल व एरर मेथोड़ से सबक सीखता है यहाँ हालत ठीक ऐसी ही है
सरकार को भूटान जसे देश से सीखना चाहिए जहाँ २००२ से ही तम्बाकू के किसी भी उत्पाद की बिक्री व प्रयोग पर पूरी तौर से रोक लगी हुई है यहाँ भी समग्र रूप से ऐसा ही प्रयास करना होगा |ऐसे नहीं कि चोर से कहें कि चोरी करो और शरीफ से कहें कि जागते रहों | २०० रूपयें कि फाइन से लोग २०० रूपयें दे कर आपके मुंह पर धुवां फूँक कर हँसेगें ऐसे लोगों कि कमी नहीं है इस देश में .... देख लीजियेगा सिगरेट बनने वाली कंपनियों के आगामी तिमाहीं परिणाम, उसमे पहले से वृद्धि ही नजर आने वाली है
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